(PM Vishwakarma)पीएम विश्वकर्मा योजना: Support for Skilled Artisans

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना कुशल कारीगरों और शिल्पकारों के लिए सरकार का एक बड़ा कदम है। यह योजना 18 व्यवसायों के लिए मदद करती है। इन व्यवसायों में बढ़ई, नौका निर्माण, काले कारीगर, टेलरिंग शामिल हैं।

यह योजना कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को बेहतर बनाने में मदद करती है। कौशल प्रशिक्षण, उपकरण किट प्रोत्साहन, ऋण सहायता और बाजार सहायता जैसे कई घटक इसमें शामिल हैं।

PM Vishwakarma

Table of Contents

प्रमुख बिंदु

  • पीएम विश्वकर्मा योजना कुशल कारीगरों और शिल्पकारों के लिए व्यापक सहायता प्रदान करती है
  • 18 व्यवसायों जैसे बढ़ई, नौका निर्माण, काले कारीगर, टेलरिंग आदि को कवर करती है
  • कौशल प्रशिक्षण, उपकरण किट प्रोत्साहन, ऋण सहायता और बाजार पहुंच जैसे घटक शामिल हैं
  • पारंपरिक कौशल के उन्नयन और आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित
  • कारीगर और शिल्पकारों के लिए व्यापक समग्र सहायता का प्रावधान

पीएम विश्वकर्मा(PM Vishwakarma) योजना: परिचय

पीएम विश्वकर्मा योजना भारत सरकार की एक बड़ी पहल है। pm vishwakarma, hast shilp और scheduled trades में काम करने वाले लोगों को उद्यमी बनाना है। यह योजना उन्हें मान्यता देती है और कौशल, आजीविका और अन्य लाभ देती है।

हस्तशिल्प और शिल्पकार

पीएम विश्वकर्मा योजना हस्तशिल्प और शिल्पकारों को सशक्त बनाना चाहती है। इन कलाकारों को कौशल, वित्त और बाजार संबंधों की सहायता दी जाती है।

अनुसूचित व्यवसायों में आजीविका सहायता

इस योजना से अनुसूचित व्यवसायों में लोगों को आजीविका मिल रही है। कारीगर, शिल्पकार, हस्तशिल्पियों और अन्य कलाकारों को मदद दी जाती है।

“पीएम विश्वकर्मा योजना ने मेरे जीवन में बहुत सकारात्मक बदलाव लाया है। मेरे ऋण और प्रशिक्षण की सहायता से मैंने अपने व्यवसाय को बढ़ाने में मदद मिली है।” – रमेश कुमार, कुम्हार, उत्तर प्रदेश

पीएम विश्वकर्मा योजना के घटक

पीएम विश्वकर्मा योजना के कई घटक हैं, जो कारीगरों की मदद करते हैं। इनमें पहचान प्रमाणपत्र और पहचान पत्र, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, और उपकरण किट प्रोत्साहन शामिल हैं।

पहचान: प्रमाणपत्र और पहचान पत्र

योजना के तहत, लाभार्थियों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और पहचान पत्र दिए जाते हैं। ये प्रमाणपत्र और पहचान पत्र लाभार्थियों की पहचान को मान्यता देते हैं।

कौशल उन्नयन प्रशिक्षण

पीएम विश्वकर्मा योजना में कौशल उन्नयन प्रशिक्षण का प्रावधान है। यह कारीगरों को नए कौशल सीखने में मदद करता है।

उपकरण किट प्रोत्साहन

योजना में उपकरण किट प्रोत्साहन भी शामिल है। यह लाभार्थियों को बेहतर उपकरण खरीदने में मदद करता है।

इन घटकों से कारीगरों की आजीविका सशक्त होती है। वे अपने व्यवसाय में रोजगार के अवसरों को बढ़ाते हैं।

वित्तीय सहायता: (PM Vishwakarma)पीएम विश्वकर्मा लोन

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना कारीगरों और शिल्पकारों को 5% ब्याज दर पर ऋण देती है। यह उन्हें व्यवसाय शुरू करने और बेहतर उपकरण खरीदने में मदद करता है। ऋण दो किस्तों में दिया जाता है – पहली में 1 लाख और दूसरी में 2 लाख रुपये।

5% ब्याज दर पर बिना गिरवी ऋण

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना के तहत, कारीगरों को 5% ब्याज दर पर ऋण मिलता है। यह उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने और बेहतर उपकरण खरीदने में मदद करता है।

चरणबद्ध वितरण: प्रथम और द्वितीय किस्त

ऋण को दो किस्तों में दिया जाता है। पहली किस्त में 1 लाख रुपये दिए जाते हैं, जिसका भुगतान 18 महीने में होता है। दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये दिए जाते हैं, जिसका भुगतान 30 महीने में होता है।

“पीएम विश्वकर्मा लोन योजना कारीगरों को वित्तीय सहायता प्रदान करके उन्हें अपने व्यवसाय को बढ़ाने और उन्नत उपकरण खरीदने में मदद करती है।”

डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन

पीएम विश्वकर्मा योजना डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देती है। लाभार्थियों को 1 रुपये प्रति लेनदेन मिलता है।

यह कदम कारीगरों को डिजिटल भुगतान का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है। इससे उनके व्यवसाय में सुधार आता है।

योजना के तहत, लाभार्थियों को प्रति माह 100 लेनदेन के लिए प्रोत्साहन मिलता है। यह उन्हें डिजिटल भुगतान का उपयोग करने के लिए प्रेरित करता है।

इसलिए, डिजिटल transaction incentive पीएम विश्वकर्मा योजना का एक बड़ा हिस्सा है। यह कारीगरों और शिल्पकारों को डिजिटल लेनदेन का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

“पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन मिलता है, जो उन्हें अपने व्यवसाय को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने में मदद करता है।”

बाजार सहायता और ब्रांडिंग

पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पकारों को मदद करती है। यह उन्हें घरेलू और वैश्विक बाजारों में पहुंच देती है।

यह उनके उत्पादों को बढ़ावा देता है। और बड़े बाजारों में अपना स्थान बनाता है।

घरेलू और वैश्विक बाजारों तक पहुंच

योजना के तहत, कारीगर और शिल्पकार अपने उत्पादों को बेचने के लिए मदद मिलती है।

वे गुणवत्ता प्रमाणन, ई-कॉमर्स लिंकेज, व्यापार मेले और विज्ञापनों का उपयोग करते हैं।

यह उन्हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बनाने में मदद करता है। और अधिक आय अर्जित करने में मदद करता है।

“पीएम विश्वकर्मा योजना ने मुझे अपने उत्पादों को घरेलू और वैश्विक बाजारों में बेचने का अवसर दिया है। मैं अब अधिक लाभ कमा रहा हूं और अपने परिवार की जीवन शैली में सुधार कर सकता हूं।”- रवि कुमार, एक शिल्पकार।

बाजार सहायता और ब्रांडिंग से कारीगर और शिल्पकारों को मदद मिलती है।

यह उन्हें अपने उत्पादों को बेचने में मदद करता है। और अधिक आय अर्जित करने में मदद करता है।

पात्रता मानदंड

पीएम विश्वकर्मा योजना में लाभ लेने के लिए कुछ नियम हैं। सबसे पहले आपको भारतीय नागरिक होना चाहिए। और आपकी उम्र 18 साल या अधिक होनी चाहिए।

इस योजना में 18 पुराने व्यवसाय शामिल हैं। जैसे काठ कारीगर, नाविक, शस्त्र निर्माता और लोहार। और हथौड़ा निर्माता, ताला सर्राफ, मूर्तिकार, सोनार, कुम्हार, चर्मकार, राज मिस्त्री हैं।

आयु और नागरिकता शर्तें

  • आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए
  • आवेदक की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होनी चाहिए

शामिल व्यवसाय

  1. काठ कारीगर
  2. नाविक
  3. शस्त्र निर्माता
  4. लोहार
  5. हथौड़ा और उपकरण निर्माता
  6. ताला सर्राफ
  7. मूर्तिकार
  8. सोनार
  9. कुम्हार
  10. चर्मकार
  11. राज मिस्त्री
  12. टोकरी / चटाई / झाड़ू बनाने वाले
  13. परंपरागत खिलौना निर्माता
  14. नाई
  15. मालाकार
  16. धोबी
  17. दर्जी

यह योजना इन 18 व्यवसायों के लिए आर्थिक मदद और प्रशिक्षण देती है। ताकि वे अपना काम बेहतर कर सकें।

आवश्यक दस्तावेज़

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के लिए, कुछ दस्तावेज़ देने होते हैं। ये पहचान और व्यवसाय के लिए होते हैं।

पहचान प्रमाण

आवेदक को पहचान के लिए आधार कार्ड या मतदाता पत्र देना होता है। ये नागरिकता और पहचान को सुनिश्चित करते हैं।

व्यवसाय प्रमाण

व्यवसाय के लिए, कोई भी निम्नलिखित दस्तावेज़ दे सकते हैं:

  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रशिक्षण प्रमाणपत्र
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा डिजिटल प्रमाणपत्र
  • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पहचान पत्र

ये दस्तावेज़ व्यवसाय के प्रमाण होते हैं। ये लाभ प्राप्त करने में मदद करते हैं।

दस्तावेज़उद्देश्य
आधार कार्ड / मतदाता पहचान पत्रपहचान प्रमाण
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रशिक्षण प्रमाणपत्रव्यवसाय प्रमाण
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा डिजिटल प्रमाणपत्रव्यवसाय प्रमाण
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा पहचान पत्रव्यवसाय प्रमाण

लाभार्थी पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण और आवेदन करना आसान है। लाभार्थी अपने दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन या ऑफलाइन आवेदन कर सकते हैं। पंजीकरण के बाद, लाभार्थी को कौशल प्रशिक्षण, उपकरण किट और ब्याज सब्सिडी मिलते हैं।

पंजीकरण और आवेदन की प्रक्रिया निम्नानुसार है:

  1. आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्टर करें।
  2. आधार और मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  3. पहचान और व्यवसाय प्रमाण जमा करें।
  4. आयु और आय मानदंडों को पूरा करें।
  5. आवेदन की स्थिति नियमित रूप से देखें।

पंजीकरण के बाद, लाभार्थी को योजना के लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं। ये लाभ कौशल प्रशिक्षण, उपकरण किट और ब्याज सब्सिडी हैं।

कार्रवाईसंख्या
चरण 1 में सत्यापन1,10,53,348
चरण 2 में सत्यापन21,44,592
चरण 3 में सत्यापन13,79,869
कुल पंजीकृत व्यक्ति13,65,715

योजना के तहत, पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया सरल है। पात्र शिल्पकार और कारीगर आसानी से लाभ उठा सकते हैं। इससे उनकी आजीविका मजबूत होती है।

राज्य-वार लागू

पीएम विश्वकर्मा योजना देश भर में लागू हो रही है। 26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुरू हो चुकी है। इनमें आंध्र प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा शामिल हैं।

हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, केरल, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, नागालैंड, ओडिशा भी शामिल हैं। पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड भी इसमें हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, पारंपरिक शिल्पकारों को मदद मिल रही है। उन्हें अपने काम को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है।

जम्मू और कश्मीर में पीएम विश्वकर्मा योजना का कार्यान्वयन

जम्मू और कश्मीर पहला केंद्र शासित प्रदेश हैं, जहां योजना शुरू हुई। 2 जनवरी, 2024 को इसका शुभारंभ हुआ।

योजना का लक्ष्य है कि जम्मू और कश्मीर के सभी शिल्पकारों को मदद मिले। वे एक समृद्ध शिल्प पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करेंगे।

शिल्पकारों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इससे उन्हें नए अवसर मिलेंगे।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में कौशल विकास की मदद मिलेगी। प्रति दिन ₹500 की दैनिक भत्ता दी जाएगी।

सफल होने पर, प्रत्येक प्रशिक्षु को ₹15,000 की किट दी जाएगी।

योजना में ऋण और विपणन सहायता भी शामिल है। शिल्पकारों को नरम ऋण मिलेगा।

जम्मू और कश्मीर में योजना से शिल्पकारों का भविष्य सुनहरा होगा। उन्हें कौशल विकास और उद्यमिता का मौका मिलेगा।

यह योजना शिल्पकारों को सशक्त बनाएगी। भारत की सांस्कृतिक विरासत को मान्यता देगी।

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प्रशिक्षण केंद्र और निगरानी तंत्र

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, सरकार नामित केंद्रों से कारीगरों को प्रशिक्षण देती है। इन केंद्रों में 15 दिन का प्रशिक्षण होता है। प्रति दिन 500 रुपये का भत्ता भी दिया जाता है।

योजना की निगरानी के लिए एक राष्ट्रीय समिति है। यह समिति योजना की प्रगति देखती है और सुधारात्मक कदम उठाती है। राज्य-स्तरीय समितियां भी हैं, जो जमीनी स्तर पर निगरानी करती हैं।

नवंबर 2024 से शुरू हुई इस योजना ने 2 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त किए हैं। योजना 3 लाख रुपये तक का ऋण 5% ब्याज दर पर देती है। 15,000 रुपये की उपकरण किट भी दी जाती है।

प्रशिक्षण केंद्र और निगरानी तंत्र से कारीगरों को कौशल, वित्तीय सहायता और बाजार पहुंच मिलती है।

“पीएम विश्वकर्मा योजना ने कारीगरों की आजीविका को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। प्रशिक्षण केंद्रों और निगरानी व्यवस्था के माध्यम से कारीगरों को व्यावसायिक उन्नयन और बाजार पहुंच में मदद मिल रही है।” – श्री नरेन्द्र मोदी, प्रधानमंत्री

प्रमुख विशेषताएंतथ्य और आंकड़े
लॉन्च तिथिनवंबर 2024
पंजीकृत आवेदकों की संख्या2 लाख से अधिक
ऋण राशि3 लाख रुपये
ब्याज दर5%
प्रशिक्षण भत्ता500 रुपये प्रति दिन
उपकरण किट प्रोत्साहन15,000 रुपये

पीएम विश्वकर्मा योजना स्थानीय कारीगरों की मदद करना चाहती है। वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और बाजार पहुंच देकर उनके जीवन को बेहतर बनाना है। प्रशिक्षण केंद्र और निगरानी तंत्र का काम बहुत अहम है।

PM VISHWAKARMA LOAN: बिना गिरवी ऋण सुविधा

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना कारीगरों और शिल्पकारों को 5% ब्याज दर पर ऋण देती है। पहली किस्त में 1 लाख रुपये और दूसरी किस्त में 2 लाख रुपये मिलते हैं। यह उन्हें व्यवसाय शुरू करने और उपकरण खरीदने में मदद करता है।

इस योजना का लक्ष्य कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाना है। 140 से अधिक विश्वकर्मा समुदायों के लिए यह योजना है। इसमें दर्जी, मोची, लोहार और अन्य शामिल हैं।

आवेदन करने के लिए कुछ शर्तें हैं। आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। भारतीय नागरिक होना चाहिए। पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार की समान योजना का लाभ नहीं लिया होना चाहिए।

आवेदन के लिए आवश्यक दस्तावेज हैं। आधार कार्ड, निवास प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र, बैंक विवरण और फोटो चाहिए।

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना का उद्देश्य कारीगरों और शिल्पकारों की आर्थिक मदद करना है। 17 सितंबर 2023 को शुरू की गई थी।

प्रमुख सुविधाएंविवरण
ऋण राशि3 लाख रुपये तक
ब्याज दर5% प्रति वर्ष
ऋण वितरण1 लाख रुपये (18 महीने) + 2 लाख रुपये (30 महीने)
पात्रता मानदंड18 वर्ष से अधिक आयु, भारतीय नागरिक, पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार की समान योजना का लाभ नहीं लिया
दस्तावेज़आधार कार्ड, निवास प्रमाण, जाति प्रमाण पत्र, बैंक विवरण, पासपोर्ट आकार का फोटो

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक बड़ा कदम है। यह गिरवी के बिना pm vishwakarma loan देती है। यह उनके व्यवसाय को बढ़ाने में मदद करता है और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है।

बेहतर कौशल और आजीविका के लिए सशक्तिकरण

पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पकारों को मदद करती है। यह उन्हें कौशल सुधार, बेहतर उपकरण और बाजार पहुंच देती है। इससे उनकी आजीविका में सुधार आता है।

इस योजना के तहत, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण 5-15 दिनों के लिए दिया जाता है। पूरा होने पर प्रमाण पत्र मिलता है। इससे उनकी क्षमता में सुधार आता है और वे अपना काम बेहतर करते हैं।

कारीगरों को उपकरण किट प्रोत्साहन भी मिलता है, जिसकी कीमत 15,000 रुपये है। ये उपकरण उनके काम को बेहतर बनाते हैं।

इसके अलावा, कारीगरों को 5% ब्याज दर पर बिना गिरवी ऋण मिलता है। इससे उनका व्यवसाय विस्तार पाता है और आजीविका मजबूत होती है।

योजना में डिजिटल लेनदेन के लिए प्रोत्साहन भी है। इससे कारीगर डिजिटल भुगतान कर सकते हैं और अपना काम बेहतर बना सकते हैं।

इन सभी पहलुओं से कारीगरों और शिल्पकारों का कौशल सशक्तिकरण होता है। उनकी आजीविका समर्थन मिलती है और वे बेहतर जीवन जी सकते हैं।

PM Vishwakarma

“पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है जो उन्हें कौशल विकास, बाजार पहुंच और वित्तीय सहायता प्रदान करके सशक्त बनाती है। यह योजना उनके पारंपरिक कौशल को संरक्षित करने और उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।”

पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत 140 जाति समुदायों को लाभ पहुंचाया जा रहा है। इनमें कारीगर, बोट निर्माता, टूल एक्सपर्ट, लोहार, कुम्हार, चमड़ा कारीगर और अन्य शामिल हैं। इस योजना से उन्हें कौशल सशक्तिकरण और आजीविका समर्थन मिल रहा है।

योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या

पीएम विश्वकर्मा योजना हस्तशिल्प और कुशल शिल्पकारों के लिए एक बड़ा समर्थन है। अब तक 14.38 लाख लाभार्थियों ने पंजीकरण किया है। इनमें से 5.17 लाख लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण मिला है और 56,526 लाभार्थियों को 551.80 करोड़ रुपये का ऋण मिला है।

पीएम विश्वकर्मा योजना से लाभार्थियों को कई लाभ मिल रहे हैं:

  • ऋण सुविधा: लाभार्थी 5% की दर से 3 लाख रुपये तक का ऋण ले सकते हैं।
  • कौशल प्रशिक्षण: लाभार्थियों को 5-7 दिनों का बेसिक प्रशिक्षण और 15 दिनों या अधिक का विशेषीकृत प्रशिक्षण मिलता है। उन्हें 500 रुपये प्रतिदिन की स्टाइपेंड भी मिलती है।
  • उपकरण किट प्रोत्साहन: लाभार्थियों को 15,000 रुपये तक का उपकरण किट दिया जाता है।
  • डिजिटल लेनदेन प्रोत्साहन: लाभार्थियों को प्रति माह 100 डिजिटल लेनदेन के लिए 1 रुपये प्रति लेनदेन का प्रोत्साहन मिलता है।

इस योजना का लक्ष्य है कुशल शिल्पकारों और कारीगरों को सशक्त बनाना। यह योजना उनकी आजीविका को मजबूत बनाने में मदद कर रही है।

योजना का प्रभाव और सफलता की कहानियां

पीएम विश्वकर्मा योजना ने कारीगरों और शिल्पकारों के लिए बड़ा असर डाला है। इस योजना के तहत, वित्तीय और कौशल विकास की मदद मिली है।

लाभार्थियों ने अपने व्यवसायों को बड़ा बनाने में मदद पाई है। वे नई तकनीकें अपना रहे हैं।

एक चर्मकार ने प्रशिक्षण और सस्ता ऋण लेकर अपना व्यवसाय बड़ा बनाया। एक कुंभकार ने अपने चाक को अद्यतन कर लिया और उत्पादकता में सुधार देखा है।

पीएम विश्वकर्मा योजना हस्तशिल्प क्षेत्र में लाभार्थियों के लिए काफी मददगार है। यह उनके आर्थिक और कौशल विकास में मदद कर रहा है।

इस योजना ने कारीगरों की आजीविका और रोजगार की संभावनाएं बढ़ा दी हैं।

FAQ

पीएम विश्वकर्मा योजना क्या है?

पीएम विश्वकर्मा योजना कुशल कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है। यह 18 व्यवसायों के लिए समग्र सहायता देती है।

यह योजना कारीगरों के पारंपरिक कौशल को उन्नत करती है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के क्या उद्देश्य हैं?

इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि पारंपरिक कारीगरों को उद्यमी बनाना। यह उनके लिए कौशल उन्नयन और आजीविका सहायता प्रदान करती है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के प्रमुख घटक क्या हैं?

प्रमुख घटक हैं – पहचान प्रमाणपत्र, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, और उपकरण किट प्रोत्साहन।

पीएम विश्वकर्मा लोन योजना क्या प्रदान करती है?

यह योजना 5% ब्याज दर पर बिना गिरवी ऋण प्रदान करती है। ऋण दो किस्तों में दिया जाता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना डिजिटल लेनदेन को कैसे प्रोत्साहित करती है?

यह योजना डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करती है। प्रत्येक लेनदेन के लिए 1 रुपये का प्रोत्साहन दिया जाता है।

पीएम विश्वकर्मा योजना बाजार सहायता और ब्रांडिंग कैसे प्रदान करती है?

यह योजना कारीगरों को घरेलू और वैश्विक बाजारों में पहुंच प्रदान करती है।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लाभार्थी कौन हो सकते हैं?

18 व्यवसायों में से किसी को भी लाभार्थी बना सकता है। लाभार्थी को भारतीय नागरिक होना चाहिए।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए कौन से दस्तावेज आवश्यक हैं?

लाभार्थी को पहचान प्रमाण और व्यवसाय प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे।

पीएम विश्वकर्मा योजना के लिए पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया क्या है?

आवेदन ऑनलाइन या ऑफलाइन किया जा सकता है। पंजीकरण के बाद लाभ मिलने शुरू हो जाते हैं।

पीएम विश्वकर्मा योजना देश भर में कहां-कहां लागू है?

26 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना लागू है।

पीएम विश्वकर्मा योजना में कौशल प्रशिक्षण कैसे प्रदान किया जाता है?

प्रशिक्षण सरकार द्वारा नामित केंद्रों में दिया जाता है। प्रति दिन 500 रुपये का प्रशिक्षण भत्ता दिया जाता है।

क्या पीएम विश्वकर्मा लोन योजना में बिना गिरवी ऋण की सुविधा है?

हां, यह योजना 5% ब्याज दर पर बिना गिरवी ऋण प्रदान करती है।

पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों और शिल्पकारों के लिए कैसे सशक्तिकरण करती है?

यह योजना कौशल उन्नयन, सुधारे गए उपकरण और बाजार पहुंच प्रदान करती है।

योजना के तहत अब तक कितने लाभार्थियों ने पंजीकरण किया है?

अब तक 14.38 लाख लाभार्थियों ने पंजीकरण किया है।

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